कौन हैं स्वामी प्रसाद मौर्या?
स्वामी प्रसाद मौर्या भारतीय राजनीति में पिछड़े जाति के जाने माने नेता माने जाते है| वर्तमान में ये समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं और उत्तर प्रदेश विधान परिषद् के सदस्य भी हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्या का जन्म 2 जनवरी 1954 को प्रतापगढ़ में हुआ और उनकी शादी शिवा मौर्या से हुई है। स्वामी प्रसाद मौर्या के दो बच्चे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्या की बेटी संघमित्रा मौर्या बीजेपी से बदायूं लोक सभा की सांसद है।
स्वामी प्रसाद मौर्या अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) समुदाय से हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्या का राजनीतिक सफर
स्वामी प्रसाद मौर्या ने अपना राजनीतिक सफर 1980 में शुरू किया और पहली बार 1996 से 2002 तक विधायक रहे। उन्होंने उत्तर प्रदेश में युवा इलाहाबाद के चेयरमैन के रूप में कार्य किया। 1991 में वह जनता दल में महासचिव बने और फिर 1996 में पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
मार्च से अक्टूबर 1997 तक, वह भाजपा के समर्थन में मायावती सरकार के मंत्री रहे। 2002 से 2003 तक, उन्होंने बहुजन समाज पार्टी (BSP) सरकार में मंत्री के रूप में पुनः कार्य किया।
स्वामी प्रसाद मौर्या पडरौना मंडल क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। 2017 से जनवरी 2022 तक, स्वामी प्रसाद मौर्या उत्तर प्रदेश के भाजपा शासित सरकार में श्रम,रोजगार और समन्वय मंत्री रहे।
स्वामी प्रसाद मौर्या पांच बार विधान सभा के सदस्य रह चुके हैं। स्वामी प्रसाद मौर्या उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री, विपक्ष के नेता भी रहे हैं।
कब हुआ बीजेपी से ब्रेकअप
2022 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनावों के पहले, स्वामी प्रसाद मौर्या योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया और 2022 में जनवरी में अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए।
वर्तमान समय में क्यों हो रही है उनकी गिरफ्तारी का मांग
हिंदू धर्म पर लगातार विवादित बयान देकर सुर्खियां बटोरने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की गिरफ्तारी की मांग की गई है।
स्वामी ने कहा था- हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं है।
सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य कई मौकों पर हिंदू धर्म को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं। हाल ही में उन्होंने कहा, ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं और सारी असमानता का कारण ब्राह्मणवाद ही है। हिन्दू नाम का कोई धर्म नहीं है, हिन्दू धर्म केवल एक धोखा है। ब्राह्मण धर्म, जो वास्तव में ब्राह्मण धर्म है, को हिंदू धर्म बताकर इस देश के दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को फंसाने की साजिश की जा रही है। अगर हिंदू धर्म होता तो आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों का भी सम्मान होता, लेकिन कैसी विडंबना है कि आदिवासी समुदाय को मंदिर में जाने से रोका जाता है। क्या आदिवासी समाज हिंदू होता तो क्या उनके साथ ऐसा व्यवहार होता? हिंदू फ़ारसी शब्द, जिसका अर्थ है चोर, नीच..
क्या है हाल का विवादित बयान ?
हाल ही में स्वामी प्रसाद मौर्या ने हरदोई में एक कार्यक्रम में विवादित टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि हिंदू एक फारसी शब्द है। फ़ारसी में इसका मतलब चोर, नीच, नीच होता है। हम इसे धर्म कैसे मान सकते हैं? इस बयान के वजह से स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ हिन्दू धर्म के लोगो में काफी गुस्सा है तथा लोग विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है तथा उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे है|
लगातार हो रहे इस प्रकार के धार्मिक विवाद पर आपका क्या राय है कमेंट बॉक्स में आप अपनी राय साझा करें|
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
स्वामी प्रसाद मौर्या कौन हैं?
स्वामी प्रसाद मौर्या भारतीय राजनीति में पिछड़े जाति के जाने माने नेता माने जाते है| वर्तमान में ये समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं और उत्तर प्रदेश विधान परिषद् के सदस्य भी हैं।